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आई फ्लू

धर्मेंद्र अपने गांव से इंदौर आता है तो वह जरूरत से अधिक लोगों को चश्मा पहले देखता है तो आश्चर्य में पड़ जाता है!

फिर वह अपने फ्लैट पर आता है तो अपने दोनों दोस्त राजू और काजू को भी घर में, चश्मा लगाए देखकर उनसे पूछता है -"अरे यार, इंदौर के लोगों को क्या हो गया है"? "जिसे देखो चश्मा पहन कर घूम रहा है"!

"अरे गांव के टेपले, तुझे नहीं पता, अभी आई फ्लू चल रहा है"! राजू ने कहा

"ओ थारी जीजी की, यह आई फ्लू क्या होता है"? "बर्ड फ्लू सुना, स्वाइन फ्लू सुना, यह आई फ्लू क्या होता है"? धर्मेंद्र जी ने आश्चर्य से पूछा

"तेरी कभी आंख नहीं आई, आंख आने को ही आई फ्लू कहते हैं  तू भी चश्मा पहन ले"! दूसरे दोस्त काजू ने कहा

"बस इतनी सी बात, मेरी तो कई बार आंख आ चुकी है, इसमें, इतना घबराने की कौन सी बात है, जब डायनासोर का बच्चा कोरोनावायरस मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाया तो यह चिड़िया का बच्चा, आई फ्लू मेरा क्या बिगाड़ लेगा, मैं नहीं डरता, ऐसे आई फ्लू से"! धर्मेंद्र करने दृढ़ता से कहा

"बेटा, यह आई फ्लू, वह नॉर्मल वाला नहीं है, इसमें आदमी की जान निकल जाती है, आंखे, खून जैसी लाल हो जाती है, ऐसा लगता है जैसे कोई बार-बार आंखों में नुकीली सुई चुभा रहा है, आंखें सूज कर बाहर निकल आती है, 204 डिग्री का बहुत तेज बुखार आता है और पूरा शरीर ऐसे दर्द करता है, जैसे - मानो अपने ऊपर हाथी बैठ गया हो"! राजू डरआते हुए कहा

"अरे, बस कर यार कितना डराएगा"! धर्मेंद्र ने झिझकते हुए कहा

"इसीलिए तो समझा रहे हैं, आई फ्लू को हल्के में मत ले, बहुत खतरनाक बीमारी है, काजू ने कहा

"अरे यार, मैं कपड़े का बैग तो गांव में ही भूल आया, तेरी लोअर टीशर्ट दे दे, चेंज करना है"! धर्मेंद्र ने ने कहा

"देख धर्मेंद्र दोस्ती, दोस्ती की जगह है, तुझे पता है, आई फ्लू एक दूसरे की चीजें इस्तेमाल करने से फैलता है, इसलिए अपने - अपने कपड़े ही इस्तेमाल करो"!  राजू ने कहां

"अरे, तो मैं कहां, तुम्हारे कपड़े मांग रहा हूं भिखारियों, कभी कपड़े खरीद कर लाए हो, तुम दोनों, इस वक्त भी तुमने जो कपड़े पहन रखे हैं, वह मेरे ही है, तुम्हारे हाथों में घड़ी भी मेरी है और जो तुमने चश्मे लगा रखे हैं, वह भी मेरे हैं"! धर्मेंद्र ने अधिकार भाव से कहा

"अरे यार, नाराज क्यों होता है, अभी ला कर देता हूं"! काजू ने कहा

फिर धर्मेंद्र कपड़े पहन कर तोलिया से हाथ पैर पोछता है तो राजू कहता है -"अरे यार, तू गजब कर रहा है, आदमी है या हज्जाम है, मेरे तोलिये से हाथ-पेर पोछ रहा है, खुद भी मरेगा और मुझे भी मर वाएगा"! राजू ने तोलिया छुड़ाते हुए कहा

"मेरी बिल्ली और मुझी से म्याऊं, तुम दोनों को ऐसा नहीं लगता, तुम अपनी औकात के बाहर जा रहे हो, यह तोलिया, तेरे बाप ने, तुझे दहेज में नहीं दिया है, यह भी मेरा ही है और अब इस घर की कोई भी चीज को लेकर, तेरा-मेरा किया तो अभी दोनों को घर से निकाल दूंगा"! धर्मेंद्र ने डांटते हुए कहा

"गुस्सा क्यों हो रहा है, तेरे भले के लिए ही तो कह रहे हैं"! काजू में राजू का पक्ष लेते हुए कहा

"अपना भला सोच कर, कोई किसी दूसरे का भला नहीं कर सकता, समझा बेटा, इसलिए मेरी फिक्र छोड़ो और अपनी फिक्र करो, क्योंकि मेरी गर्लफ्रेंड डॉक्टर है, तुम दोनों की तो कोई गर्लफ्रेंड ही नहीं है, मैं अभी अपनी डॉक्टरनी से फोन लगाकर पूछता हूं"! धर्मेंद्र ने गर्लफ्रेंड को फोन लगाते हुए कहा

"हेलो परमाणु"! "कैसी हो तुम"? धर्मेंद्र ने प्यार से पुछा

"आज जानू की जगह परमाणु"! "क्यों कह रहे हो"? गर्लफ्रेंड माया ने पूछा

"अरे, जब से तुम, जिंदगी में आई हो धमाके ही धमाके हो रहे हैं, इसीलिए तुम कोई परमाणु से कम थोड़ी हो, अच्छा मुझे, तुमसे आई फ्लू के बारे में जानकारी चाहिए, 2 गधे डॉक्टर मुझे उल्टा पुल्टा ज्ञान बांट रहे हैं, तुम बताओ"? "आई फ्लू से बचाव के तरीके"! धर्मेंद्र ने लाउड स्पीकर चालू कर पूछा

"सबसे पहले तो अपने गंदे दोस्तों की संगत छोड़ दो और उनसे दूर रहो, गंदे दोस्तों को ना तो अपनी कोई चीज इस्तेमाल करने दो, ना उनकी करो, अपने गंदे दोस्तों की गंदी नजर से दूर रहो, मैं तो कहती हूं, ऐसे गंदे दोस्तों को घर से ही निकाल दो"! माया ने कहा

"और बताओ, कहां हो और क्या कर रही हो"? धर्मेंद्र ने लाउडस्पीकर बंद कर पूछा

"क्लीनिक पर हूं, पेशेंट देख रही हूं, मेरा शाम को कहीं घूमने का मन कर रहा है, कहीं चलते हैं"! माया ने कहा

"ठीक है, किसी गार्डन में चलते हैं, नेचुरल माहौल में"! धर्मेंद्र ने बताया

"गार्डन नही, किसी रेस्टोरेंट में चलते हैं"! माया ने कहा

"अरे, वहां नहीं, वहां खर्चा बहुत होता है"! धर्मेंद्र ने जुबान काटते हुए कहा

"क्या"? माया ने पूछा

"मेरा मतलब वहां चर्चा बहुत होती है, चूं,चां, चूं,चां, किसी गार्डन में चलते हैं यार"! धर्मेंद्र ने कहा

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